
राजकीय महाविद्यालय नालागढ़ में बीते मंगलवार एक दुर्भाग्यपूर्ण घटनाक्रम संज्ञान में आया है। जहां गणित विभाग के सहायक आचार्य नरेश कुमार के साथ महाविद्यालय प्राचार्य और उनके सहयोगी प्राध्यापकों भीम सिंह राठौर केमिस्ट्री के प्राध्यापक प्राचार्य पवन कुमार सलारिया, संजय शर्मा सहायक प्राध्यापक भौतिकी ने अभद्र और आपत्तिजनक टिप्पणियां करते हुए नरेश कुमार को भाषिक प्रताड़ना से हतोत्साहित करने का प्रयास किया। नरेश कुमार की ओर से इस संदर्भ में एक ऑडियो क्लिप भेजा गया। जिसमें स्पष्ट तौर पर सुना जा सकता है कि किस प्रकार से महाविद्यालय प्राचार्य और उनके सहयोगी प्राध्यापकों ने उन पर और उनकी कार्यशैली पर प्रश्नचिन्ह लगाए।
राजकीय महाविद्यालय नालागढ़ में बीते मंगलवार एक दुर्भाग्यपूर्ण घटनाक्रम संज्ञान में आया है। जहां गणित विभाग के सहायक आचार्य नरेश कुमार के साथ महाविद्यालय प्राचार्य और उनके सहयोगी प्राध्यापकों भीम सिंह राठौर केमिस्ट्री के प्राध्यापक प्राचार्य पवन कुमार सलारिया, संजय शर्मा सहायक प्राध्यापक भौतिकी ने अभद्र और आपत्तिजनक टिप्पणियां करते हुए नरेश कुमार को भाषिक प्रताड़ना से हतोत्साहित करने का प्रयास किया। नरेश कुमार की ओर से इस संदर्भ में एक ऑडियो क्लिप भेजा गया। जिसमें स्पष्ट तौर पर सुना जा सकता है कि किस प्रकार से महाविद्यालय प्राचार्य और उनके सहयोगी प्राध्यापकों ने उन पर और उनकी कार्यशैली पर प्रश्नचिन्ह लगाए।
मामला टैक्स से संबंधित दी गई जानकारी के संबंध में था जिसके लिए महाविद्यालय प्राचार्य द्वारा एक कमेटी का गठन किया गया था। इसी कमेटी के सदस्य नरेश कुमार ने जब कुछ अनियमितताओं को महाविद्यालय प्राचार्य के समक्ष रखा तो प्राचार्य के साथ महाविद्यालय के कुछ प्राध्यापकों ने नरेश कुमार साथ अभद्र भाषा और उनके कार्यों को लक्ष्य बनाकर उन्हें प्रताड़ना का शिकार बनाया। ऑडियो में सुना जा सकता है कि किस प्रकार नरेश कुमार बार-बार विनम्रता पूर्वक अपनी बात कहने की कोशिश कर रहे हैं, परंतु महाविद्यालय प्राचार्य और उनके सहयोगी प्राध्यापक लगातार नरेश को भाषा के घटिया स्तर से प्रताड़ित करने की पुरजोर कोशिश कर रहे हैं। इस मामले में प्राचार्य के द्वारा उनके साथ सहयोगी अध्यापकों को किसी प्रकार का निर्देश ना देते हुए बल्कि सभी प्राध्यापकों द्वारा बार-बार धमकियां चरित्र हनन और देख लेने की बात की जा रही है। यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि एक प्रतिष्ठित संस्थान में अपने ही सहयोगी अध्यापक के साथ इस तरह का व्यवहार किया जाना बेहद शर्मनाक है। नरेश कुमार द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार यह पता चला है उन्हें कई बार प्राचार्य तथा सहयोगी प्राध्यापकों ने बिना किसी निर्देश के अपमानजनक शब्द कहे और उनको मारने पीटने की धमकी तक दे डाली। इस सारे घटनाक्रम में प्राचार्य के द्वारा नरेश कुमार का पक्ष ना सुना जाना और साथी अध्यापकों को घटिया स्तर की भाषा का प्रयोग ना करने के लिए निर्देशित करना और नरेश द्वारा प्रस्तुत की गई अनियमितताओं पर किसी भी प्रकार की टिप्पणी ना करना इशारा करता है कि यह नरेश कुमार को सुनियोजित तरीके से प्रताड़ित करने की कोशिश करना चाहते थे। ऐसी मानसिक प्रताड़ना से महाविद्यालय के अन्य कर्मचारी भी गाहे ब्गाहे गुजरते है परंतु साक्षेयों के अभाव में कोई कुछ नहीं कर पाते। किसी पूर्वाभास के चलते नरेश कुमार ने पहले ही अपने फोन की ऑडियो ऑन कर ली।
प्रधानाचार्य की दबंगई देखो कि उल्टा प्रताड़ित प्राध्यापक के विरुध ही कारवाही के लिये पीटने की धमकियाँ देने वाले प्राध्यापकों को प्रताड़ित अध्यापक के विरुध लिख कर देने तथा उसके विरुध कारवाही करने को तो बोल रहे हैं।
अब उक्त राजकीय महाविद्यालय नालागढ़ में बीते मंगलवार एक दुर्भाग्यपूर्ण घटनाक्रम संज्ञान में आया है। जहां गणित विभाग के सहायक आचार्य नरेश कुमार के साथ महाविद्यालय प्राचार्य और उनके सहयोगी प्राध्यापकों भीम सिंह राठौर केमिस्ट्री के प्राध्यापक प्राचार्य पवन कुमार सलारिया, संजय शर्मा सहायक प्राध्यापक भौतिकी ने अभद्र और आपत्तिजनक टिप्पणियां करते हुए नरेश कुमार को भाषिक प्रताड़ना से हतोत्साहित करने का प्रयास किया। नरेश कुमार की ओर से इस संदर्भ में एक ऑडियो क्लिप भेजा गया। जिसमें स्पष्ट तौर पर सुना जा सकता है कि किस प्रकार से महाविद्यालय प्राचार्य और उनके सहयोगी प्राध्यापकों ने उन पर और उनकी कार्यशैली पर प्रश्नचिन्ह लगाए। मामला टैक्स से संबंधित दी गई जानकारी के संबंध में था जिसके लिए महाविद्यालय प्राचार्य द्वारा एक कमेटी का गठन किया गया था। इसी कमेटी के सदस्य नरेश कुमार ने जब कुछ अनियमितताओं को महाविद्यालय प्राचार्य के समक्ष रखा तो प्राचार्य के साथ महाविद्यालय के कुछ प्राध्यापकों ने नरेश कुमार साथ अभद्र भाषा और उनके कार्यों को लक्ष्य बनाकर उन्हें प्रताड़ना का शिकार बनाया। ऑडियो में सुना जा सकता है कि किस प्रकार नरेश कुमार बार-बार विनम्रता पूर्वक अपनी बात कहने की कोशिश कर रहे हैं, परंतु महाविद्यालय प्राचार्य और उनके सहयोगी प्राध्यापक लगातार नरेश को भाषा के घटिया स्तर से प्रताड़ित करने की पुरजोर कोशिश कर रहे हैं। इस मामले में प्राचार्य के द्वारा उनके साथ सहयोगी अध्यापकों को किसी प्रकार का निर्देश ना देते हुए बल्कि सभी प्राध्यापकों द्वारा बार-बार धमकियां चरित्र हनन और देख लेने की बात की जा रही है। यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि एक प्रतिष्ठित संस्थान में अपने ही सहयोगी अध्यापक के साथ इस तरह का व्यवहार किया जाना बेहद शर्मनाक है। नरेश कुमार द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार यह पता चला है उन्हें कई बार प्राचार्य तथा सहयोगी प्राध्यापकों ने बिना किसी निर्देश के अपमानजनक शब्द कहे और उनको मारने पीटने की धमकी तक दे डाली। इस सारे घटनाक्रम में प्राचार्य के द्वारा नरेश कुमार का पक्ष ना सुना जाना और साथी अध्यापकों को घटिया स्तर की भाषा का प्रयोग ना करने के लिए निर्देशित करना और नरेश द्वारा प्रस्तुत की गई अनियमितताओं पर किसी भी प्रकार की टिप्पणी ना करना इशारा करता है कि यह नरेश कुमार को सुनियोजित तरीके से प्रताड़ित करने की कोशिश करना चाहते थे।
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