नालागढ़ में एग्रीकल्चर विभाग की मिट्टी टैस्टिंग लैब बस 3 साल से बनी हुई है सफेद हाथी

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नालागढ़ में एग्रीकल्चर विभाग की मिट्टी टैस्टिंग लैब बस 3 साल से बनी हुई है सफेद हाथी
सरकार का 50 लाख से ज्यादा का पैसा हो रहा है बर्बाद
विभागीय लापरवाही के कारण 3 साल से नहीं की गई है जिला सोलन में मिट्टी की टेस्टिंग
अखिल भारतीय किसान यूनियन ने उठाए एग्रीकल्चर विभाग पर सवाल
सरकार का मिट्टी टेस्टिंग लैब की करीबन सभी बसें खर्च किया गया करोड़ों रुपया हो रहा बर्बाद
मिट्टी टेस्टिंग लैब बसों के लिए जल्द स्टाफ की तैनाती की उठी मांग

जिला सोलन के नालागढ़ में एग्रीकल्चर विभाग की मिट्टी टेस्टिंग लैब बस 3 साल से सफेद हाथी बनी हुई है और यह मिट्टी टेस्टिंग लैब की बस खस्ताहाल बनी हुई है आपको बता दें कि सरकार की ओर से हर जिले में एक मिट्टी टेस्टिंग लैब बस उपलब्ध करवाई गई थी लेकिन दुर्भाग्य की बात यह है कि इन बसों पर स्टाफ की ही व्यवस्था नहीं हो पाई जिसके चलते पिछले 3 सालों में हर जिले में इसी तरह मिट्टी टेस्टिंग लैब बस की हालत जर्जर बनी हुई है और सरकार का करोड़ों रुपया बर्बाद होता यहां पर नजर आ रहा है।

इसी पर अब अखिल भारतीय किसान यूनियन द्वारा सवाल उठाए गए हैं कि अगर एग्रीकल्चर विभाग को सरकार ने मिट्टी टेस्टिंग लैब बसों की सुविधा उपलब्ध करवाई गई तो इन बसों से हर जिले के किसानों की मिट्टी की टेस्टिंग क्यों नहीं की जाती और क्यों यह बसें पिछले 3 सालों से धूल फांक रही है।

अखिल भारतीय किसान यूनियन के नालागढ़ इकाई के महासचिव नरेश घई ने कहा है कि पिछले 3 सालों से नालागढ़ के मझौली में स्थित कार्यालय में एक मिट्टी टेस्टिंग लैब की बस जर्जर हालत में खड़ी हुई है और बस की हालत भी काफी खराब हो चुकी है जगह-जगह से बस में दरारे आ चुकी है और टायर फटने की कगार पर आ चुके हैं और ना तो इस बस पर चालक की व्यवस्था है और ना ही स्टाफ की व्यवस्था है उन्होंने कहा है कि अगर सरकार द्वारा हर जिले में एक टेस्टिंग लैब बस की सुविधा दी गई थी इन पर काम करने वाले स्टाफ क्यों नहीं उपलब्ध करवाया गया और क्यों सरकार का करीबन 6 करोड रुपैया इन बसों पर बर्बाद किया गया।

नरेश घई ने हिमाचल की सुखविंदर सिंह सुक्खू की सरकार से इन खस्ता हालत खड़ी सभी बसों की दशा सुधारने की जहां मांग उठाई है वही इनके ऊपर स्टाफ की तैनाती करके पूरे प्रदेश में किसानों की मिट्टी की टेस्टिंग करवाने की भी गुहार लगाई है। साथ ही उन्होंने चेतावनी देकर भी कहा है कि अगर जल्द ही सरकार की ओर से यह मांग पूरी नहीं की गई तो वह क्षेत्र के किसान एकत्रित होकर धरना प्रदर्शन करने को भी मजबूर होंगे जिसकी जिम्मेदारी सरकार और एग्रीकल्चर विभाग की होगी।

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Author: nstar india

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