भगवान का अवतार जीव मात्र के कल्याण के लिए

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भगवान का अवतार जीव मात्र के कल्याण के लिए होता है स्वामी हरी चेतनानंद सुनली जयनगर में श्रीमदभागवत कथा के चतुर्थ दिवस पर महामंडलेश्वर स्वामी हरिचेतनानंद जी ने कहा कलियुग ही कंस है शरीर जेल है मन मथुरा है चित्त ही बसुदेव है और बुद्धि देवकी है भगवान श्री कृष्ण ने मथुरा की जेल में प्रगट होकर बसुदेव देवकी के समस्त बंधनों को खोल दिया श्री कृष्ण देवकी के सामने चतुर्भुज रूप में प्रकट होते हैं कि जब कंस जरासंध शिशुपाल जैसे अन्याय करने लगे तब पृथ्वी माता बहू के रूप में ब्रह्माजी के पास गई सभी देवताओं ने क्षीरसागर पर जाकर पुरुष सूक्त से भगवान जगन्नाथ की स्तुति की भगवान ने कहा में कुछ ही समय में वसुदेव देवकी के यहाँ आकर भारत भूमि के ऊपर बढ़े हुए भार को समाप्त करूँगा तब भगवान का धरा अवतार होता है बसुदेव जीने बालकृष्ण को गोकुल में पहुंचाया नंद बाबा के यहाँ आनंद प्रग

ट हुआ ब्रजवासी नंद महल में आकर बालकृष्ण का दर्शन करते हैं वेदान्त का वेदांत दृष्टा का दर्शन है परमात्मा अमूर्त है ब्रजवासियों के प्रेम के कारण अमूर्त भी मूर्त बन गया ब्रज में आनंद ही आनंद है आज सुनली में दिब्य नंद महोत्सव मनाया गया सैकड़ों भक्तों ने भगवान बालकृष्ण की झांकी का दर्शन किया नंद के आनंद भयो जय कन्हैया लाल की के जयघोष के साथ पूरा पंडाल कृष्णमय हो गया भरद्वाज परिवार ने भगवान बालकृष्ण की आरती उतारी सैकड़ों भक्तों ने लंगर का प्रसाद ग्रहण किया

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