जल शक्ति विभाग की लापरवाही के कारण ग्रामीणों को झेलनी पड़ रही पानी की किल्लत, लोड सैंक्शन लेने से पहले ही रख दी 40 और 60 एचपी की मोटरे,

जल शक्ति विभाग की लापरवाही के कारण ग्रामीणों को झेलनी पड़ रही पानी की किल्लत, लोड सैंक्शन लेने से पहले ही रख दी 40 और 60 एचपी की मोटरे,

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जल शक्ति विभाग की लापरवाही के कारण ग्रामीणों को झेलनी पड़ रही पानी की किल्लत, लोड सैंक्शन लेने से पहले ही रख दी 40 और 60 एचपी की मोटरे,

स्वारघाट — राजेंद्र ठाकुर

जल शक्ति विभाग उपमंडल स्वारघाट के तहत आने वाली समलेटी और दगडाहण उठाऊ पेयजल योजनाओं से जुड़े दर्जनों गाँवों में विभाग की लापरवाही के कारण सही ढंग से पेयजल आपूर्ति नहीं हो पा रही है |
समलेटी उठाऊ पेयजल योजना और दगडाहण उठाऊ पेयजल योजना के लिए 100 केवीए ट्रांसफार्मर लगाया गया है और इस ट्रांसफार्मर के लोड से समलेटी उठाऊ पेयजल स्कीम की 25 एचपी की मोटर और दगडाहण उठाऊ पेयजल योजना की 40 एचपी की मोटर एक समय में एक साथ चलती थी लेकिन अब जल शक्ति विभाग ने समलेटी उठाऊ पेयजल योजना की 25 एचपी की मोटर की जगह 40 एचपी की मोटर लगा दी है | अब दोनों स्कीमो में 40-40 एचपी की मोटर लगी हुई है लेकिन 100 केवीए ट्रांसफार्मर के लोड से दोनों मोटरे एक साथ नहीं चल पा रही है | अगर दोनों मोटरों को एक साथ चलाया जाता है तो फ्यूज उड़ जाते है जिसके चलते दोनों को अलग-अलग समय में चलाना पड़ रहा है | पहले जहाँ दोनों मोटरे इकट्ठी 7 से 8 घंटे चलती थी वहीँ अब दोनों अलग-अलग समय में केवल 4-4 घंटे चल रही है जिसके चलते दोनों स्कीमो से जुड़े दर्जनों गाँवों को पानी पूरा नहीं हो पा रहा है | गाँवों में पानी पूरा न होने के चलते विभाग के फील्ड में तैनात कर्मचारियों को खरी-खोटी सुननी पड़ रही है |

समलेटी स्कीम की सेकिंड स्टेज में लगाई नई 60 एचपी की
मोटर की नहीं हो पाई टेस्टिंग

वहीँ बात करे समलेटी उठाऊ पेयजल योजना के सेकिंड स्टेज की तो यहाँ पर भी विभाग ने एक नया कारनाम दिखाया है | यहाँ पहले 40 एचपी की दो मोटर हुआ करती थी अगर एक मोटर खराब हो जाए तो दूसरी चलाई जाती थी | इस स्कीम के लिए विधुत बोर्ड द्वारा यहाँ 63 केवीए का ट्रांसफार्मर लगाया गया है | अब यहाँ पर करीब एक साल पहले एक 40 एचपी की मोटर को बदलकर 60 एचपी की मोटर लगाई गई लेकिन बिजली का लोड कम होने की वजह से इसकी अभी तक टेस्टिंग तक नहीं हो पाई है | यह मोटर एक साल से पंपहाउस में शोपीस बनकर पड़ी हुई है | बताया जा रहा है कि बिजली का लोड कम होने की वजह से इस नई मोटर की टेस्टिंग नहीं हो पाई है | अब
केवल 40 एचपी की सिंगल मोटर से ही पानी की आपूर्ति की जा रही है अगर खुदा ना खास्ता ये मोटर खराब हो जाती है तो इस स्कीम से जुड़े गाँवों में कई दिनों तक पानी की भारी किल्लत हो सकती है |
दगडाहण और समलेटी उठाऊ पेयजल योजना की फर्स्ट स्टेज पर 250 केवीए ट्रान्सफर और समलेटी उठाऊ पेयजल योजना की सेकिंड स्टेज पर 100 से ज्यादा केवीए ट्रांसफार्मर की आवश्यकता है और इसके लिए जल शक्ति विभाग को बिजली बोर्ड को लोड सैंक्शन के लिए लिखना था लेकिन अधिकारियो की लापरवाही से ऐसा नहीं हो पाया है |

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