शिमला: चमन शर्मा हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय को एक बार फिर बम से उड़ाने की धमकी मिली है, जिसके चलते उच्च न्यायालय परिसर में हड़कंप मच गया। सूत्रों के अनुसार, यह धमकी एक सामान्य ईमेल के माध्यम से आई है, जिसे वीपीएन (वर्चुअल प्राइवेट नेटवर्क) का इस्तेमाल करके भेजा गया है। हालांकि, ईमेल में किसी विशेष स्थान या व्यक्ति का जिक्र नहीं किया गया है, फिर भी एहतियात के तौर पर उच्च न्यायालय में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई है और बॉम्ब डिस्पोजल स्क्वाड को तैनात कर दिया गया है।
संदिग्ध ईमेल और एहतियाती कदम:
सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार, आज सुबह हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय के प्रशासनिक विभाग को एक ईमेल प्राप्त हुआ जिसमें न्यायालय को बम से उड़ाने की धमकी दी गई थी। ईमेल भेजने वाले ने अपनी पहचान छिपाने के लिए वीपीएन का सहारा लिया, जिससे उसकी लोकेशन का पता लगाना मुश्किल हो रहा है। ईमेल में किसी विशिष्ट व्यक्ति या विभाग को निशाना बनाने का उल्लेख नहीं है, बल्कि पूरे न्यायालय परिसर को उड़ाने की बात कही गई है।
धमकी मिलने के तुरंत बाद, उच्च न्यायालय प्रशासन ने सतर्कता बरतते हुए पुलिस को सूचित किया। पुलिस अधीक्षक शिमला, श्री मोहित चावला ने पुष्टि की है कि धमकी भरे ईमेल के संबंध में मामला दर्ज कर लिया गया है और जांच शुरू कर दी गई है। उन्होंने बताया कि एहतियात के तौर पर, पूरे उच्च न्यायालय परिसर की तलाशी के लिए बॉम्ब डिस्पोजल स्क्वाड को बुलाया गया है। स्क्वाड द्वारा परिसर के चप्पे-चप्पे की तलाशी ली जा रही है ताकि किसी भी प्रकार के विस्फोटक उपकरण का पता लगाया जा सके।
सुरक्षा व्यवस्था कड़ी, जांच जारी:
इस घटना के मद्देनजर, हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय के आसपास सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत कर दिया गया है। प्रवेश द्वारों पर तलाशी अभियान तेज कर दिया गया है और किसी भी संदिग्ध व्यक्ति या वस्तु पर विशेष नजर रखी जा रही है। उच्च न्यायालय के कर्मचारियों और आगंतुकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया है।
पुलिस का कहना है कि इस तरह की धमकियां अक्सर घबराहट फैलाने के उद्देश्य से दी जाती हैं, लेकिन वे इस मामले को पूरी गंभीरता से ले रहे हैं। वीपीएन के इस्तेमाल के बावजूद, तकनीकी टीमें ईमेल के स्रोत का पता लगाने के लिए काम कर रही हैं। इस घटना से न्यायालय के कामकाज पर अस्थायी रूप से असर पड़ सकता है, हालांकि सुरक्षा जांच पूरी होने के बाद सामान्य स्थिति बहाल होने की उम्मीद है।
यह पहली बार नहीं है जब हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय को इस तरह की धमकी मिली है। इससे पहले भी ऐसे मामले सामने आ चुके हैं, जिसके बाद सुरक्षा व्यवस्था को लेकर सवाल उठते रहे हैं। प्रशासन द्वारा इस बार की धमकी के स्रोत का पता लगाने और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए कड़े कदम उठाने की उम्मीद है।
