गूगल मैप की गलती से फंसे चार लोग

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गूगल मैप की गलती से फंसे चार लोग

नालागढ़ से पंजाब की ओर जा रहा एक परिवार गूगल मैप के भरोसे एक ऐसे रास्ते पर पहुंच गया, जो दो साल पहले 2023 की भारी बारिश और बाढ़ में पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो चुका है. जैसे ही उनकी कार नदी के पास पहुंची, तेज बहाव में वह बुरी तरह फंस गई और कई किलोमीटर तक पानी के साथ बहती रही. सौभाग्य से, कार में सवार चार लोगों की जान बाल-बाल बच गई, लेकिन उनकी कार को भारी नुकसान हुआ है. स्थानीय लोगों के मुताबिक, कार में सवार चार लोगों में से एक छात्रा थी, जिसकी ऊना में एक महत्वपूर्ण परीक्षा थी.


स्थानीय लोगों का प्रशासन और सरकारों पर रोष

दभोटा पंचायत के प्रधान ने इस घटना पर गहरा रोष व्यक्त करते हुए बताया कि गूगल मैप लगातार टूटे हुए दभोटा पुल को वैध मार्ग के रूप में दिखा रहा है, जिसके कारण पिछले दिनों भी लोग इस खतरनाक रास्ते पर फंस चुके हैं. उन्होंने प्रशासन से तुरंत इस मार्ग पर साइनबोर्ड और बैरिकेड्स लगाने की मांग की, ताकि लोगों को स्पष्ट रूप से पता चले कि यह रास्ता बंद है. उन्होंने लोगों से अपील की कि गूगल मैप पर भरोसा करने के बजाय बोदला मार्ग का इस्तेमाल करें, क्योंकि दभोटा पुल पूरी तरह असुरक्षित है.


सरकारों की उदासीनता पर सवाल

ग्रामीण विकास उप प्रधान जगतार जग्गी ने भी इस मामले में सरकारों की उदासीनता पर नाराजगी जताई. उन्होंने कहा कि दो साल बीत जाने के बाद भी न तो हिमाचल की कांग्रेस सरकार और न ही पंजाब सरकार ने इस पुल को बनाने की जिम्मेदारी उठाई है. दोनों सरकारें एक-दूसरे पर जिम्मेदारी डाल रही हैं, जबकि जनता हर दिन परेशान हो रही है. जग्गी ने बताया कि दभोटा पुल न केवल स्थानीय लोगों के लिए बल्कि ट्रांसपोर्टरों के लिए भी बहुत महत्वपूर्ण है, जो नालागढ़ के औद्योगिक क्षेत्र से माल लाने-ले जाने के लिए इस रास्ते का उपयोग करते हैं. बारिश के मौसम में नदी का उफनना और टूटा हुआ पुल लोगों के लिए दोगुनी मुसीबत पैदा कर रहा है.


पुल के पुनर्निर्माण की मांग

हिमाचल प्रदेश और पंजाब को जोड़ने वाला दभोटा नदी पर बना यह महत्वपूर्ण पुल 2023 की भारी बारिश और बाढ़ में पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया था. दो साल बीत चुके हैं, लेकिन दोनों राज्यों के अधिकारियों ने इसके पुनर्निर्माण की दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठाया है. इसकी वजह से स्थानीय लोग, छात्र और ट्रांसपोर्टर काफी परेशान हैं. टूटे हुए पुल के कारण लोगों को 5-10 किलोमीटर का अतिरिक्त रास्ता लेकर बोदला मार्ग से गुजरना पड़ रहा है, जो समय लेने वाला और जोखिम भरा भी है. बारिश के मौसम में नदी का तेज बहाव और गूगल मैप की गलत दिशा देशवासियों के लिए एक बड़ी चिंता का कारण बन रही है. स्थानीय लोगों की आवाज और गुहार को गंभीरता से लेते हुए सरकार को इस समस्या का शीघ्र समाधान निकालना चाहिए.

N Star India
Author: N Star India

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