बेटी ने निभाया बेटे का फर्ज ,बाप की चिता को दी मुखाग्नि ।
कांगड़ा (विजय समयाल)
आज के युग में बेटिया किसी क्षेत्र में बेटों से कम नहीं हैं। हर क्षेत्र में बेटिया बेटों से आगे निकलकर पुराने जमाने के भ्रम को तोड़ने में लगी हुई हैं। पुराने समय में जिस व्यक्ति का पुत्र नहीं होता था तो उसके अंतिम संस्कार के समय चिता को अग्नि देने का बड़ा सवाल खड़ा हो जाता था, लेकिन अब यह सवाल भी खत्म हो गया है। बेटा ना होने पर बेटिया ही अब यह फर्ज भी निभा रही हैं। जिला कांगडा की विधानसभा फतेहपुर की पंचायत खटीयाड़ मे बेटी ने पिता की चिता को मुखाग्नि दी है । खटियाड़ बजार का दूकानदार व बार्ड चार के निबासी डिम्पल शर्मा की बीमारी से मौत हो गयी है । जिसका कोई वेटा नही था सिर्फ एक लड़की थी बेटी ने आगे आते हुए अपने पिता की चिता को मुखाग्नि देकर बेटे का फर्ज निभाया। बेटी के द्वारा किए गए इस मुख्य कार्य को लेकर गांव सहित क्षेत्र में बेटी की प्रसंशा की जा रही है।
*जिन से थी माता पिता को वुढापे मे सेवा की उम्मीद, उन्हें छोड़ दोनो बेटे बक्त से पहले ही दुनिया को कह गये अलविदा ।
बता दें कि खटियाड़ पंचायत के बार्ड नवम्बर चार के निवासी पिर्थी राज का बेटा डिम्पल शर्मा कुछ समय से बीमार था। विते दिन उसकी मौत हो गयी थी आज मंगलबार को उसकी एक लोती बेटी दृष्टि शर्मा ने पिता का पिंडदान कर चिता को अग्नि देकर समाज की सोच को बदल दिया। डिम्पल शर्मा खटियाड़ मे दूकान करते थे । जंहा उनकी मौत पर एक तरफ आज सारा खटियाड़ बजार बंद रहा । वही हजारो लोगो ने उसे अन्तिम विधाई दी है।डिम्पल शर्मा एक शांत सभाव के व्यक्ति थे । डिम्पल शर्मा के बडे भाई मनोज शर्मा व वतिजी की कुछ साल पहले सांप के काटने से मौत हो गयी थी । जब की परिवार का एक मात्र सहारा खुद परिवार को छोड़ कर दुनिया को अलविदा कह गया है डिम्पल शर्मा के परिवार मे अब उनके 80 वर्षिय पिता पिर्थी राज , 75 वर्षिय माता राज कुमारी ,पत्नी ज्योती शर्मा व भाभी निलम कुमारी के साथ परिवार मे अब एक मात्र सहारा 14 वर्षिय बेटी द्ष्टि शर्मा ही रह गये है । परिवार मे अब सबसे बड़ी चिंता शुरू हो गयी है कि अब परिवार मे उनकी कमाई का सहरा कौन होगा । जिसके सहारे घर चलता था वो उनहे छोड़ कर चला गया है