औद्योगिक क्षेत्रों से निकलने वाला केमिकल अब आम जनता के लिए जहर बन चुका है. बददी के औद्योगिक क्षेत्र मानपुरा में सैकड़ों इकाइयां लगी हुई है लेकिन चलने वाली इन इकाइयों में मानकों को दरकिनार कर चलाया जा रहा है. अधिकारी आंखों पर पट्टी बांधे बैठे हुए हैं और देखने सुनने वाला शायद कोई भी नहीं है लेकिन इसी बीच हजारों की संख्या में रहने वाले ग्रामीण सफर करते नजर आ रहे हैं.
मानपुरा नदी किसी फैक्ट्री से हानिकारक रासायनिक पदार्थ नालियों से बहाया जा रहा है तो किसी कंपनी से हानिकारक राखयुक्त और दुर्गंद रहितपानी निकल रहा है. कई कंपनी अपना डिस्चार्ज मानपुरा नदी में बहा रही है तो किसी का तरल पदार्थ गांवों में इकट्ठा होकर प्रदूषण फैला रहा है. इस प्रदूषण की वजह से जलस्तर में खराबी तो आ ही रही है, साथ ही जानवर में भी इससे बीमारी के लक्षण देखने को मिल रहे हैं. पीने के पानी में भी अब पहले जैसी बात नहीं रही है. केमिकल का रिएक्शन ऐसा है कि पानी पीना तो दूर इससे नहाने पर शरीर में इन्फेक्शन होने लगता है.
जहरीले पानी से हो रही हैं ये समस्याएं
फैक्ट्रियों से निकलकर ये पानी बाहर इकट्ठा हो रहा है और जानवर भी इसी पानी को पी रहे हैं. ये पानी जानवरों के शरीर में भी लग रहा है और बीमारियों को जन्म देता है. जहरीला पानी आने वाले समय में एक बड़ी समस्या बन सकता है लेकिन जिम्मेदारों की नजर मानों इन सब पर नहीं पड़ रही है.
ग्रामीणों ने बताया कि यहां पानी जगह जगह पर भरा है और जब हम हैंडपंप या कुएं से पानी भरकर नहाते है तो हमारे शरीर में खुजली, दाने निकलना जैसी समस्या होने लगती हैं. प्रदूषण अधिकारीयों का इस तरह कोई ध्यान नहीं है