जनता का ईलाज करने बाले फतेहपुर के अस्पताल खुद चल रहे है बीमार फतेहपुर और रैहन सिविल अस्पतालों मे खलने लगी डाक्टरो की कमी । मौसम की बैरुखी से बढ़ने लगी अस्पतालों मे मरीजो की संख्या

*जनता का ईलाज करने बाले फतेहपुर के अस्पताल खुद चल रहे है बीमार

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जनता का ईलाज करने बाले फतेहपुर के अस्पताल खुद चल रहे है बीमार

फतेहपुर और रैहन सिविल अस्पतालों मे खलने लगी डाक्टरो की कमी ।

मौसम की बैरुखी से बढ़ने लगी अस्पतालों मे मरीजो की संख्या ।

* *लोकेशन:-*कांगड़ा
* विजय समयाल

एक तरफ राज्य सरकार स्वास्थ्य व्यवस्था को लगातार सुदृढ करने का दावा कर रही है, जबकि हकीकत कोसों दूर है। मैन पावर की कमी के चलते सारे दावे जमीन पर हवा-हवाई साबित हो रहे हैं। आलम यह है कि सरकारी अस्पतालों में धरती के भगवान कहे जाने वाले डॉक्टरों की संख्या काफी कम है। लिहाजा मरीजों का सही इलाज कैसे सम्भव हो यह प्रश्न बना हुआ है। अगर हम बात करे प्रदेश सरकार की आदर्श अस्पतालों की गिनती मे गिने जाना बाला फतेहपुर विधानसभा का सिविल अस्पताल फतेहपुर व सिविल अस्पताल रैहन की बात करे तो मिली जानकारी दोनो अस्पतालों मे कुल 20 पद नियमित चिकित्सकों के पद स्वीकृत हैं। इसके विरुद्ध इन अस्पतालों मे महज 10 डॉक्टर ही मौजूद हैं। जब की दोनो अस्पताल मे दस डाक्टरो के पद खाली चल रहे है दोनो सिविल सरकारी अस्पतालों में प्रतिदिन मरीजों की काफी भीड़ लगी रहती है। अब तो मौसम की बैरुखी के कारण भी इन अस्पतालों मे मरीजो की संख्या बढ़ने लग पड़ी है
अकेले सिविल अस्पताल फतेहपुर मे एक दिन में करीब सात सौ से अधिक मरीज आउटडोर में अपना इलाज कराते हैं। मरीजों की इस भीड़ के आगे डॉक्टर भी खुद को लाचार महसूस करते हैं। उन्हें मरीजों का नब्ज टटोलने की फुर्सत नहीं मिल पाती है। स्थानीय विधायक भवानी सिंह पठानियां के प्रयासो से कुछ विशेषज्ञ डाक्टरो की तैनाती के बाद अब फतेहपुर मे पहले से बेहतर स्वास्थ्य सुविधा के नाम पर मरीज सरकारी अस्पताल पहुंच रहे हैं। अधिकांशत: गरीब मरीज ही सरकारी अस्पतालों की शरण ले रहे हैं। आर्थिक रूप से मजबूत लोग तो निजी अस्पतालों में जाना बेहतर समझते हैं, लेकिन गरीब जाएं तो कहां। प्राइवेट अस्पतालों में इलाज कराने पर काफी खर्च होता है, लिहाजा गरीब मरीजों के समक्ष सरकारी अस्पताल जाने की मजबूरी है। इन दोनो सिविल अस्पताल में चिकित्सकों की कमी के कारण लोगों को समय से इलाज नहीं मिल रहा है। क्षेत्र के करीब चालिस हजार लोग इन अस्पतालों पर ही निर्भर है ।

* रैहन मे चार तो फतेहपुर मे तीन डाक्टरो के पद चल रहे है खाली, मुबाईल बैन डाक्टर का पद भी चल रहा है खाली :- बीएमओ रीचा मल्होत्रा

सिविल अस्पताल फतेहपुर ब्लांक मैडिकल अफसर ( बीएमओ ) रीचा मल्होत्रा ने जानकारी देते हुए बताया की सिविल अस्पताल फतेहपुर मे दस डाक्टरो के पद स्वीकृत है तीन पद खाली चल रहे है । एक रात्रि डयुटी मे रिर्जव होने के कारण 6 डाक्टर ही रह जाते है । उनमे से भी एक डाक्टर को अन्य अस्पतालों मे अस्थाई तौर पर भेजना पड़ता है । जिस कारण अस्पताल मे पांच डाक्टर ही रह जाते है। जब की एक पद मुबाईल बैन डाक्टर का है उसका भी अब तबादला हो गया है जिस कारण बो भी अब खाली चल रहा है तो बही सिविल अस्पताल रैहन मे डाक्टरो के 9 पद स्वीकृत है मगर चार पदो पर डाक्टर तैनात है जब की पांच पद जंहा डाक्टरो के खाली चल रहे है । छुट्टी पर जाने के कारण किसी दिन डाक्टर इस से भी कम हो जाते है । जिसकी जानकारी विभागिय अधिकारियों को दे दी गयी है । अच्छी सेवाओ के लिए अस्पताल मे डाक्टरो का होना जरुरी है ।

* दोनो अस्पतालों मे नही है डायलसिस व अल्ट्रासाउंड की सुविधाएं ।

अगर हम बात करे तो सीएचसी से सीविल अस्पताल का दर्जा प्राप्त कर चूके दोनो फतेहपुर व रैहन अस्पतालों मे डायलसिस व अल्ट्रासाउंड की सुविधाएं मरीजों को नही मिल पा रही है जिस कारण मरीजो को प्राइवेट अस्पतालों का रुख करना पड़ता है । और मंहेगे रेटो पर यह सेबाएं लेनी पड़ती है जिस कारण अच्छा खासा गरीबो की जेबो पर असर पड़ता है । ऎसा नही की फतेहपुर मे अल्ट्रासाउंड मशीन नही है मगर रेडियोलोजिस्ट न होने के कारण पिछले 12 सालो से यह मशीन धूल फांक रही । अब तो नयी तकनीक की मशीने भी मार्किट मे आ जूकी है ।

* फतेहपुर मे ऊधार के टैक्नियशन से सप्ताह मे मात्र दो दिन ही मिलती एक्स-रे सेबाएं

तो रैहन मे एक्स-रे मशीन ही है पुरानी नही मिलती है आज कल अधूनिक सेबाएं

दोनो अस्पतालों मे एक्स-रे की सुविधा के ऎसे सुरते हाल है की रैहन अस्पताल मे एक्स-रे मशीन पुरानी है जिसमे पुरी जांच नही हो पाती है। ज्यादा तर मशीन खराब रहती है। आज कल की अधूनिक मशीन न होने के चलते बंहा पर सेवाएं नही मिल पाती है तो दूसरे मे टैक्नियशन ही नही है । फतेहपुर अस्पताल मे एक्स-रे मशीन तो है मगर स्थाई टैक्नियशन नही है फतेहपुर मे सप्ताह के दो दिन के लिए नूरपुर अस्पताल से टैक्नियशन उधार पर आता है जंहा पर एक्स- रे की सेबाएं अस्थाई तौर पर चल रही है । जब तक रैहन अस्पताल मे आधूनिक एक्स-रे मशीन नही आ जाती इससे अच्छा होता की तव तक रैहन एक्स- रे मशीन की सेबाएं नागरिक अस्पताल फतेहपुर मे ली जाती ताकि लोगो को कम से कम एक अस्पताल मे तो सेवाएं मिल पाती ।

* क्या कहते है जनता

अस्पताल मे पंहुची इंदू बाला निवासी कंदौर ने कहा है की अस्पताल मे दाबाईयां नही मिल रही है उन्होंने पांचसौ रुपपे की दबाईयां बाहर से खरीदी है । सरकार हर प्रकार की दबाईयां फ्री मे अस्पताल मे उपलब्ध करबाए न की कागजो मे ।

अस्पताल मे पंहुची नेहा शर्मा मे बताया की अस्पतालों मे हर सुबाधाएं उपलब्ध करबाना सरकार का दायतब वनता है मगर डाक्टर की कमी के कारण लोगो को बो सुविधाएं नही मिल पा रही है जो मिलनी थी ।

बही ब्लाक सीमित सदस्य बड़ी वतराहण तमन्ना धीमान का कहना है कि रैहन अस्पताल को सिविल अस्पताल का दर्जा वोर्ड टांक कर तो दे दिया गया है मगर सरकार को सिविल अस्पताल जैसी सुविधाएं भी इस अस्पताल मे उपलब्ध करबानी चाहिए ।

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Author: N Star India

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