शिशु के जन्म के तुरंत बाद पिलाएं माँ का पहला पीला दूध, ज्योर ख़ास में राष्ट्रीय नवजात शिशु देखभाल सप्ताह के तहत एक दिवसीय शिविर का आयोजन, शिविर में खंड स्वास्थ्य शिक्षक राम अवतार ठाकुर ने महिलाओं को बांटी जानकारी

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शिशु के जन्म के तुरंत बाद पिलाएं माँ का पहला पीला दूध, ज्योर ख़ास में राष्ट्रीय नवजात शिशु देखभाल सप्ताह के तहत एक दिवसीय शिविर का आयोजन, शिविर में खंड स्वास्थ्य शिक्षक राम अवतार ठाकुर ने महिलाओं को बांटी जानकारी

स्वारघाट (राजेंद्र ठाकुर)उपमंडल स्वारघाट के तहत आने वाली ग्राम पंचायत टाली के ज्योर ख़ास गाँव में गुरुवार को स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग खंड श्री नैना देवी जी के खंड चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर सुरेन्द्र सिंह बाबा के आदेशानुसार राष्ट्रीय नवजात शिशु देखभाल सप्ताह के अंतर्गत जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया | इस शिविर की अध्यक्षता महिला मंडल ज्योर की प्रधान मंजू देवी और नीलम कुमारी ने की | इसमें खंड स्वास्थ्य शिक्षक राम अवतार ठाकुर शिशु देखभाल सप्ताह को मनाने का उदेश्य यही है कि नवजात शिशु देखभाल सप्ताह को मनाने का उदेश्य यही है कि नवजात शिशु की एक महीने तक विशेष ध्यान रखने की जरूरत होती है ताकि नवजात शिशु की होने वाली मृत्यु डर को कम किया जा सके | उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि शिशु के जन्म के तुरंत बाद माँ का पहला पीला दूध जिसे कोलोस्ट्रम कहते है उसे पिलाने से शिशु के शरीर में विभिन्न प्रकार की बिमारियों से लड़ने की क्षमता पैदा होती है और इस दूध को पिलाने पर इसे शिशु का पहला टीकाकरण भी कहा जाता है | उन्होंने बताया कि हमें नवजात शिशु को पकड़ते समय साफ़-सफाई का विशेष ध्यान रखना चाहिए | जब भी शिशु को बच्चे को गोदी में लें तो अपने हाथ साबुन-पानी से धों लें और नवजात शिशु को भी साफ़-कपडे से पौंछे | शिशु को गर्म रखें ओर जन्म के 48 घंटे तक शिशु को स्नान न करवाएं | शिशु की नाभि नाल पर कुछ न लगाए | यदि शिशु का वजन अढाई किलोग्राम से कम हो तो उसकी विशेष देखभाल करें और छह महीने तक बच्चे को केवल माँ का दूध ही पिलाएं |बच्चे को किसी भी प्रकार की बाहरी सामग्री जैसे शहर से जन्म घुट्टी या कोई अन्य पदार्थ भी ना दें | माँ को स्तनपान करवाने के लिए प्रोत्साहित करें | उन्होंने कहा कि नवजात शिशु के जीवन के पहले 28 दिन की अवधि नवजात शिशु को जीवित रखने के लिए महत्वपूर्ण अवधि मानी गई है और इस अवधि में नवजात शिशु का अन्य अवधि की तुलना में मृत्यु का सबसे अधिक जोखिम रहता है | इस अवसर प्र महिलाओं को जानकारी दी गई की प्रसव सरकारी अस्पताल में ही करवाएं और शिशु की उचित देखभाल के लिए शिशु को पहले दो दिन तक अस्पताल में डॉक्टर की देखरेख में ही रखें तथा समय-समय पर बच्चो को सम्पूर्ण टीकाकरण करवाएं क्यूंकि आज के स्वस्थ बच्चे ही कल का भविष्य होंगे | इसके अतिरिक्त महिलाओं को जननी सुरक्षा योजना प्लस, जननी शिशु सुरक्षा कार्यक्रम, प्रधानमन्त्री सुरक्षित मातृत्व अभियान, प्रधानमन्त्री वन्दना योजना के बारे में भी जानकारी दी गई | महिलाओं को बताया गया कि वह गर्भावस्था मेजर पर्व के लिए उसे अस्पताल जाना हो तो वह आपातकालीन 108 और 102 सेवाएं लेने के लिए टोल फ्री नम्बरों पर फोन करें ताकि उन्हें समय पर सेवाएं मिल सके |
इस अवसर पर महिलाओ के द्वारा पोस्टर मेकिंग प्रतियोगिता, प्रश्नोतरी प्रतियोगिता ओर मेहँदी लगाने की प्रतियोगिता भी करवाई गई और जीतने वाले सभी प्रतिभागियों को इनाम देकर सम्मानित भी किया गया | महिला मंडल प्रधान मंजू देवी ने शिविर में उपस्थित सभी लोगो का धन्यवाद करते हुए कहा कि गाँव में ऐसी जागरूकता गतिविधियाँ होती रहनी चाहिए ताकि लोगों को स्वास्थ्य विभाग के द्वारा चलाये जा रहे कार्यक्रमों और योजनाओ की जानकारी मिलती रहे |

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Author: N Star India

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शिशु के जन्म के तुरंत बाद पिलाएं माँ का पहला पीला दूध, ज्योर ख़ास में राष्ट्रीय नवजात शिशु देखभाल सप्ताह के तहत एक दिवसीय शिविर का आयोजन, शिविर में खंड स्वास्थ्य शिक्षक राम अवतार ठाकुर ने महिलाओं को बांटी जानकारी