कांगड़ा: पौंग बांध के पानी से तबाही, ब्यास की बदली धार ने किसानों के भविष्य पर फेरा पानी

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मंड भोरवां, रियाली, मंड बहादपुर के सैकड़ों परिवार प्रभावित, प्रशासन से मुआवजे की गुहार

कांगड़ा
विजय समयाल

लगातार हो रही बारिश के बाद पौंग बांध से पिछले नौ दिनों से छोड़ा जा रहा पानी अब कांगड़ा जिले के फतेहपुर और इंदौरा उपमंडल के लिए बड़ी तबाही लेकर आया है। ब्यास नदी के बदले हुए रुख ने उपजाऊ जमीनों को निगल लिया है और अब लोगों के आशियानों पर भी खतरा मंडराने लगा है। आलम यह है कि लोग अपने घरों को खाली करने को मजबूर हो गए हैं और भविष्य की चिंता उन्हें सता रही है।

पौंग बांध से लगातार छोड़े जा रहे पानी के कारण ब्यास नदी ने अपना रास्ता बदल लिया है, जिससे फतेहपुर और इंदौरा विधानसभा क्षेत्रों के मंड बहादपुर और मंड भोरवां जैसे इलाकों में स्थिति गंभीर हो गई है। नदी का पानी अब घरों से कुछ ही मीटर की दूरी पर बह रहा है। एक अनुमान के मुताबिक, लगभग 500 मीटर का दायरा ब्यास नदी की भेंट चढ़ चुका है, जिसमें लोगों की सैकड़ों कनाल उपजाऊ भूमि और फसलें बह गई हैं।

प्रभावित गांवों के लोगों का कहना है कि 2023 में भी बाढ़ ने भारी तबाही मचाई थी और इस साल भी वही मंजर देखने को मिल रहा है।[1] लोगों की मानें तो उनकी उपजाऊ जमीनें और फसलें पूरी तरह से बर्बाद हो गई हैं।[1] अब जब पानी उनके घरों की ओर बढ़ रहा है, तो उन्हें अपनी जान का भी खतरा महसूस होने लगा है। कई परिवार अपने घरों को असुरक्षित महसूस करते हुए उन्हें खाली कर रहे हैं।

प्रशासन की प्रतिक्रिया और राहत कार्य

जिला प्रशासन ने स्थिति की गंभीरता को देखते हुए राहत और बचाव कार्य शुरू कर दिए हैं। कांगड़ा के उपायुक्त हेमराज बैरवा ने प्रभावित इलाकों का दौरा कर लोगों को हर संभव मदद का आश्वासन दिया है।प्रशासन ने एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमों को तैनात किया है और कई लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है।] प्रभावितों के लिए राहत शिविर भी स्थापित किए गए हैं और राशन की व्यवस्था की जा रही है।

हालांकि, कुछ बाढ़ प्रभावित लोग प्रशासन और सरकार की ओर से मिल रही मदद से नाखुश नजर आ रहे हैं।] उनका कहना है कि उन्हें अभी तक किसी भी प्रकार की तत्काल राहत नहीं मिली है।[

विधायक और स्थानीय नेताओं ने लिया जायजा

इंदौरा के विधायक मिलेंद्र राजन ने भी प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर लोगों से मुलाकात की और सरकार की तरफ से हर संभव मदद का भरोसा दिलाया है। प्रशासन ने संबंधित विभागों को नुकसान का आकलन कर जल्द रिपोर्ट तैयार करने के निर्देश दिए हैं ताकि प्रभावितों को मुआवजा दिया जा सके।

फिलहाल, पौंग बांध से पानी छोड़ने का सिलसिला जारी है, जिससे निचले इलाकों में खतरा बना हुआ है। प्रशासन लोगों से सुरक्षित स्थानों पर जाने की अपील कर रहा है, लेकिन कई लोग अपने मवेशियों और घरों को छोड़कर जाने को तैयार नहीं हैं।[3][8] इस आपदा ने एक बार फिर पौंग बांध के निचले इलाकों में रहने वाले लोगों के लिए स्थायी समाधान की आवश्यकता को उजागर किया है।

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N Star India
Author: N Star India

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