नालागढ़ | रिपोर्टर: N STAR NEWS नन्दलाल
नालागढ़ विधानसभा क्षेत्र की राजनीति एक बार फिर नए मोड़ पर पहुंचती दिखाई दे रही है।पिछले विधानसभा चुनाव में भाजपा से नाराज़ होकर निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में मैदान में उतरे कृष लाल ठाकुर ने सभी को चौंकाते हुए जीत हासिल की थी। लेकिन बीच कार्यकाल में उन्होंने भाजपा का दामन थाम लिया और पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ा। जनता ने इस निर्णय को नकारते हुए नाराज़गी जताई और कांग्रेस प्रत्याशी हरदीप वावा को नालागढ़ का नया विधायक चुन लिया।हालांकि अब धीरे-धीरे जनता का भरोसा हरदीप वावा से भी कम होता नजर आ रहा है।क्षेत्र में लोगों का रुझान एक बार फिर भाजपा की ओर लौटता दिखाई दे रहा है।मगर भाजपा की स्थिति भी पूरी तरह मजबूत नहीं कही जा सकती, क्योंकि पार्टी के भीतर कई गुट सक्रिय हैं —पूर्व विधायक राणा लखविंदर,पूर्व मंत्री हरिनारायण सिंह के भतीजे हरप्रीत सिंह,और पूर्व भाजपा जिला अध्यक्ष आशुतोष वैध,तीनों अपने-अपने समर्थकों के साथ अलग-अलग दिशा में काम कर रहे हैं।यह गुटबाज़ी आने वाले चुनाव में भाजपा के लिए चुनौती साबित हो सकती है।दूसरी ओर, कांग्रेस विधायक हरदीप वावा पर विपक्ष लगातार हमलावर है।वावा पर खनन माफिया, नशा तस्करी, और क्षेत्र में बढ़ती आपराधिक घटनाओं को संरक्षण देने के आरोप लगाए जा रहे हैं।इन मुद्दों ने जनता के बीच असंतोष की भावना को और बढ़ा दिया है।राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि अगर भाजपा अपने आंतरिक मतभेद सुलझाने में कामयाब रही, तो नालागढ़ में सत्ता वापसी की राह खुल सकती है।वहीं, कांग्रेस के लिए अब अपनी छवि बचाना और जनता का भरोसा दोबारा जीतना सबसे बड़ी चुनौती है।फिलहाल, नालागढ़ की राजनीति में हवा बदल रही है — लेकिन इसकी दिशा अभी स्पष्ट नहीं।आने वाले महीनों में हालात और समीकरण दोनों बदल सकते हैं।
